चींटी तू इतनी सी छोटी पर बड़ी है खोटी
तुझसे छुटकारे की दिखती नहीं कोई गोटी
दिखने में तो तू है नहीं बिलकुल भी मोटी
फिर इतना खाना किधर तू करती है कल्टी
क्रमबद्ध चींटी सेना एकजुट होकर डटी
गिरकर बार बार चढती दीवाल ये चींटी
हार कैसे सकती है ये छोटी सी चींटी